
पिता मजदूर, बेटी कॉरपोरेट नौकरी छोड़ बन गईं अफसर, भावुक कर देगी सफलता की कहानी
IAS Success Story: हर साल लाखों युवा आईएएस-आईपीएस अफसर बनने की चाह लेकर यूपीएससी सीएसई परीक्षा में शामिल होते हैं. लेकिन इसके बाद भी हर किसी को सफलता नहीं मिलती है. हालांकि, कुछ लोग हैं जो अपनी मेहनत के दम पर आखिरकार सफलता हासिल कर ही लेते हैं. इसकी मिसाल हैं केरल की रहने वाली एस. अश्वथी. एक सामान्य परिवार से आने वाली और मजदूर की बेटी होने के बावजूद उन्होंने अपने सपने को नहीं छोड़ा.
IAS Success Story: पिता करते थे मजदूरी
अश्वथी का जन्म और बचपन आर्थिक तंगी के बीच गुजरा. उनके पिता एक कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करते थे. अश्वथी के घर की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी कि वे पढ़ाई कर सकें, लेकिन पढ़ाई के प्रति उनका जुनून और आत्मविश्वास कभी डगमगाया नहीं. बचपन से ही वह अपनी पढ़ाई में बेहद मेधावी रहीं.
IAS Success Story: बचपन से ही देखा आईएएस बनने का सपना
अश्वथी ने कक्षा आठवीं में ही तय कर लिया था कि उन्हें एक दिन आईएएस अफसर बनना है. उन्होंने बचपन के उस उम्र में जब बच्चे खेलने में समय बीताते हैं, पढ़ाई में खुद को झोंक दिया. परिवार की आर्थिक मुश्किलें और संसाधनों की कमी के बावजूद उन्होंने अपने सपनों को पीछे नहीं छोड़ा.
IAS Success Story: इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की
स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने गवर्नमेंट बार्टन हिल इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई की. इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद उन्हें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में अच्छी नौकरी भी मिल गई थी. नौकरी स्थिर थी और आर्थिक रूप से परिवार को सहारा भी मिलने लगा, लेकिन उनके मन में IAS बनने की चाह थी.
IAS Success Story: अफसर बनने के लिए छोड़ दी नौकरी
उन्होंने जोखिम उठाते हुए नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह UPSC की तैयारी में लग गईं. यह फैसला आसान नहीं था क्योंकि परिवार पहले ही आर्थिक संघर्ष से गुजर रहा था. लेकिन अश्वथी के आत्मविश्वास और जिद ने उन्हें यह कदम उठाने की हिम्मत दी.
IAS Success Story: तीन बार परीक्षा में हुईं फेल
UPSC की परीक्षा का सफर अश्वथी के लिए आसान नहीं था. उन्होंने 2017, 2018 और 2019 में लगातार तीन बार परीक्षा दी लेकिन असफल रहीं. तीन बार की असफलता किसी को भी तोड़ सकती थी, लेकिन उन्होंने इसे हार नहीं मानी. उन्होंने अपनी रणनीति बदली, कमजोरियों पर काम किया और चौथे प्रयास में 2020 में 481वीं रैंक हासिल कर ली.
IAS Success Story: लाखों युवाओं के लिए बनीं प्रेरणा
आज एस. अश्वथी IAS अधिकारी बनकर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा बनी हैं. मजदूर की बेटी का इतना बड़ा मुकाम हासिल करना इस बात का प्रमाण है कि अगर आपके अंदर जुनून, धैर्य और मेहनत करने की क्षमता है, तो कोई भी सपना असंभव नहीं. उनकी कहानी उन लाखों युवाओं के लिए उम्मीद की किरण है जो कठिन परिस्थितियों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं.
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