
2012 में शादी, ‘ममता’ को छोड़ UPSC को पकड़ा, AIR-2 लाकर बनीं IAS
Success Story Of IAS Anu Kumari in Hindi: UPSC परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. लाखों अभ्यर्थी हर साल IAS, IPS या अन्य उच्च पदों के लिए मेहनत करते हैं, लेकिन सफलता सिर्फ कुछ ही को मिलती है. ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है हरियाणा की अनु कुमारी (Anu Kumari) की, जिन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए अपने छोटे से बेटे से दूरी बनाई, समाज की बातें अनसुनी कीं और दस साल के संघर्ष के बाद UPSC में ऑल इंडिया सेकंड रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया. उनकी यह कहानी मेहनत, त्याग और आत्मविश्वास का जीता-जागता उदाहरण है.
यहां से शुरुआत (Success Story Of IAS Anu Kumari)
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनु कुमारी हरियाणा के सोनीपत जिले की रहने वाली हैं. चार भाई-बहनों में वह दूसरे नंबर पर हैं. उनके पिता अस्पताल के HR विभाग में कार्यरत थे, जबकि मां घर का कामकाज संभालने के साथ-साथ भैंस पालन करके घर में आर्थिक सहयोग देती थीं. आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के कारण अनु ने पहले नौकरी कर घर की हालत सुधारने का फैसला किया.
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शिक्षा और करियर (Success Story Of IAS Anu Kumari)
अनु की स्कूली पढ़ाई हरियाणा में हुई. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से भौतिकी (Physics) में ग्रेजुएशन किया. रोज़ाना सोनीपत से दिल्ली तक ट्रेन से सफर करते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. इसके बाद नागपुर से MBA किया और मुंबई के एक बैंक में कैंपस प्लेसमेंट के जरिए नौकरी मिली.
शादी और UPSC की तैयारी (Success Story Of IAS Anu Kumari)
2012 में अनु की शादी गुरुग्राम में हुई. शादी और बच्चे के बाद भी उन्होंने अपने सपनों को नहीं छोड़ा. उनके बेटे की उम्र जब ढाई साल थी, तब उन्होंने UPSC की तैयारी करने का बड़ा निर्णय लिया. इस दौरान बेटे से दूर रहना, समाज की बातें सुनना और असफलता का डर आदि की चुनौतियां उनके सामने थीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
संघर्ष और सफलता (Success Story Of IAS Anu Kumari)
अनु ने अपनी नौकरी छोड़ दी और पूरे समर्पण के साथ पढ़ाई में जुट गईं. कड़ी मेहनत और अनुशासन से उन्होंने 2017 की UPSC सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया सेकंड रैंक हासिल की. यह उपलब्धि सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि सभी उन अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा है जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों का पीछा करते हैं.
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