
बिना MBBS भी बन सकते हैं डॉक्टर, हेल्थकेयर में चमकता करियर देंगे ये 5 कोर्स
Doctor without MBBS: बहुत से छात्रों का सपना होता है डॉक्टर बनने का, लेकिन MBBS न कर पाने पर वे हताश हो जाते हैं. जबकि सच्चाई यह है कि मेडिकल क्षेत्र में कई ऐसे कोर्स मौजूद हैं, जो बिना MBBS किए भी डॉक्टर जैसी पहचान और सम्मान दिला सकते हैं. आप BAMS (आयुर्वेद), BHMS (होम्योपैथी), BPT (फिजियोथेरेपी), BDS (डेंटल), BSc Nursing, और पैरामेडिकल जैसे कोर्स चुनकर हेल्थकेयर सेक्टर में मजबूत करियर बना सकते हैं. ये कोर्स न केवल सामाजिक सेवा का अवसर देते हैं, बल्कि एक पेशेवर पहचान और अच्छा वेतन भी सुनिश्चित करते हैं. यदि आप मेडिकल फील्ड में रुचि रखते हैं, तो ये विकल्प आपके लिए बेहतरीन साबित हो सकते हैं.
Doctor without MBBS: BAMS बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी
यह एक 5.5 साल का डिग्री कोर्स है, जिसमें आयुर्वेद यानी प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति की पढ़ाई होती है. इसमें शरीर को प्राकृतिक तरीकों से ठीक करने के लिए जड़ी-बूटियों, योग, पंचकर्मा और जीवनशैली के उपाय सिखाए जाते हैं. साथ ही इसमें सर्जरी और आधुनिक चिकित्सा की भी बेसिक जानकारी दी जाती है.
योग्यता: आपको 12वीं कक्षा (10+2) साइंस स्ट्रीम (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी – PCB) के साथ पास करनी होगी.जनरल कैटेगरी के लिए कम से कम 50% अंक चाहिए. SC/ST/OBC के लिए 40-45% तक की छूट हो सकती है (राज्य या कॉलेज के नियमों के अनुसार).
उम्र: BAMS में एडमिशन के समय आपकी उम्र कम से कम 17 साल होनी चाहिए. अधिकतम उम्र सीमा आमतौर पर नहीं होती, लेकिन कुछ कॉलेज या राज्यों में जनरल कैटेगरी के लिए 25 साल तक की सीमा हो सकती है.
प्रवेश परीक्षा: BAMS में दाखिले के लिए आपको NEET (National Eligibility cum Entrance Test) देना और क्वालिफाई करना होगा. NEET का स्कोर ही मुख्य रूप से BAMS कॉलेजों में दाखिले के लिए इस्तेमाल होता है.
BHMS बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी
BHMS में आपको होम्योपैथी पद्धति के बारे में सिखाया जाता है. यह एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है जिसमें कम मात्रा की दवाएं दी जाती हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर इलाज किया जाता है. इसमें शरीर, मन और भावनाओं तीनों पर ध्यान दिया जाता है.
योग्यता: आपको 12वीं कक्षा (10+2) पास करनी होगी, जिसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी (PCB) विषय होने चाहिए. कम से कम 50% अंक (जनरल कैटेगरी के लिए) होने चाहिए. SC/ST/OBC के लिए कुछ कॉलेजों में 45% अंक भी स्वीकार्य हो सकते हैं.
आयु सीमा: आपकी उम्र आमतौर पर 17 साल से कम नहीं होनी चाहिए. कुछ कॉलेजों में अधिकतम आयु सीमा 25 साल (जनरल) या 30 साल (आरक्षित वर्ग) हो सकती है.
प्रवेश परीक्षा: ज्यादातर कॉलेजों में दाखिला NEET (National Eligibility cum Entrance Test) के स्कोर के आधार पर होता है.कुछ राज्यों या निजी कॉलेजों में अलग प्रवेश परीक्षा या मेरिट के आधार पर भी दाखिला मिल सकता है.

BUMS बैचलर ऑ उननी मेडिसिन एंड सर्जरी
BUMS में आपको यूनानी दवाओं, जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक उपचारों के बारे में पढ़ाया जाता है. इसमें माना जाता है कि शरीर में चार तत्व होते हैं खून, बलगम, पित्त और काला पित्त. जब ये संतुलन में होते हैं, तो इंसान स्वस्थ रहता है. इलाज का तरीका इन तत्वों को संतुलन में लाने पर आधारित होता है.
शैक्षिक योग्यता: आपको 12वीं कक्षा (10+2) पास करनी होगी, जिसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और अंग्रेजी मुख्य विषय हों.सामान्य वर्ग के लिए कम से कम 50% अंक और SC/ST/OBC वर्ग के लिए 40% अंक होने चाहिए. आपकी उम्र कम से कम 17 साल होनी चाहिए (आवेदन के साल के 31 दिसंबर तक).
प्रवेश परीक्षा: BUMS में दाखिला NEET-UG (National Eligibility cum Entrance Test) के स्कोर के आधार पर होता है.कुछ कॉलेजों में अन्य प्रवेश परीक्षाएँ जैसे CPAT, CPMEE, या KEAM भी मान्य हो सकती हैं, लेकिन NEET सबसे आम है.NEET में कम से कम 300 अंक लाने की जरूरत होती है, पर टॉप कॉलेजों के लिए 400-450 अंक बेहतर हैं.
BNYS बैचलर ऑफ नेचुरपैथी एंड योगिक साइंसस
इस कोर्स में आपको सिखाया जाता है कि कैसे खानपान, योग, ध्यान, मसाज, मिट्टी और पानी जैसे प्राकृतिक तरीकों से बीमारियों का इलाज किया जाए.इसमें शरीर को उसकी प्राकृतिक क्षमता से ठीक करने पर ज़ोर दिया जाता है, न कि एलोपैथिक दवाइयों से.
शैक्षिक योग्यता: आपको 12वीं कक्षा पास करनी होगी, जिसमें Physics, Chemistry, और Biology (PCB) विषय होने चाहिए.ज्यादातर कॉलेजों में कम से कम 50% अंक चाहिए (सामान्य वर्ग के लिए).SC/ST/OBC के लिए 40-45% अंक हो सकते हैं, लेकिन ये कॉलेज पर निर्भर करता है.
आयु सीमा: आपकी उम्र आमतौर पर 17 साल से कम नहीं होनी चाहिए। कुछ कॉलेजों में अधिकतम आयु सीमा (जैसे 25 साल) हो सकती है.
प्रवेश परीक्षा: कुछ कॉलेजों में दाखिला 12वीं के अंकों के आधार पर होता है, लेकिन कई जगहों पर NEET (National Eligibility cum Entrance Test) या कॉलेज की अपनी प्रवेश परीक्षा पास करनी पड़ती है.
BPT बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी
BPT (Bachelor of Physiotherapy) यानी “बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी” एक अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स होता है जो शरीर की चोटों, दर्द और कमजोरी को दवाओं के बिना, एक्सरसाइज, मसाज और थैरेपी की मदद से ठीक करना सिखाता है.
शैक्षिक योग्यता: आपको 12वीं कक्षा (10+2) पास करनी होगी, जिसमें Physics, Chemistry, और Biology (PCB) मुख्य विषय होने चाहिए।कुछ कॉलेजों में English भी अनिवार्य हो सकता है.12वीं में कम से कम 50% अंक होने चाहिए (सामान्य वर्ग के लिए)। SC/ST/OBC के लिए कुछ जगहों पर 5% की छूट हो सकती है (45%).
आयु सीमा: आमतौर पर उम्मीदवार की उम्र 17 साल से कम नहीं होनी चाहिए. कुछ कॉलेजों में अधिकतम आयु सीमा (25 साल तक) भी हो सकती है.
प्रवेश परीक्षा: कई कॉलेजों में BPT में दाखिला प्रवेश परीक्षा (जैसे NEET, CET, या कॉलेज की अपनी टेस्ट) के आधार पर होता है. कुछ जगहों पर 12वीं के अंकों के आधार पर भी दाखिला मिल सकता है.
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