
न इंजीनियरिंग की डिग्री, न आईआईटी से की पढ़ाई, कमा रही हैं Microsoft में लाखों रुपये
Non IIT Success Story: आईआईटी आईआईएम से पढ़ाई करने वाले छात्रों का फ्यूचर ब्राईट माना जाता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि बिना आईआईटी की डिग्री के अच्छे संस्था में जगह नहीं बनाई जा सकती. हमारे बीच ऐसे कई लोग हैं जो गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे बड़ी कंपनी में काम रहे हैं जबकि उनके पास किसी बड़े संस्थान की डिग्री या अनुभव नहीं है. कुछ ऐसी ही कहानी रुशाली पवार की है जो अभी बेंगलुरू कर्नाटक में माइक्रोसॉफ्ट में काम कर रही हैं. आइए, जानते हैं उनकी कहानी.
कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन में बनाया नाम
रुशाली पवार, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया डेवलपमेंट सेंटर में कम्युनिकेशंस स्पेशलिस्ट के रूप में कार्यरत हैं. उनका सफर इसलिए भी खास है कि उन्होंने आईआईटी जैसे बड़े संस्थान से पढ़ाई नहीं की है. फिर भी आज दुनिया के सबसे बड़ी कंपनी में से एक माइक्रोसॉफ्ट में हैं.
कहां से हुई पढ़ाई-लिखाई?
रुशाली ने शुरुआत से ही लेखन, कम्युनिकेशन और कंटेंट निर्माण में गहरी रुचि दिखाई है. उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल पर दी जानकारी से ऐसा मालूम होता है. उन्होंने कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन, कंटेंट स्ट्रैटेजी, रिसर्च और स्टोरीटेलिंग जैसे क्षेत्रों में प्रैक्टिकल अनुभव हासिल किया है. उनकी पढ़ाई Stella Maris College से अंग्रेजी भाषा और साहित्य में बीए किया है. इसके बाद उन्होंने University of Leeds से अंग्रेजी भाषा और साहित्य में एमए किया. अपने अभी तक के करियर में उन्होंने ब्रांड मैसेजिंग, इंटरनल कम्युनिकेशन और स्ट्रैटेजिक कंटेंट डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया है.
इन गुणों ने दिलाई पहचान
- सटीकता (Meticulousness): हर प्रोजेक्ट में बारीकी पर ध्यान देना उनकी सबसे बड़ी ताकत रही.
- नवाचार (Innovation): कंटेंट को नए और क्रिएटिव तरीकों से प्रस्तुत करना.
- स्टोरीटेलिंग: ब्रांड और ऑडियंस के बीच भावनात्मक जुड़ाव बनाने की क्षमता.
- रिसर्च स्किल्स: किसी भी विषय पर गहराई से रिसर्च कर प्रासंगिक व असरदार सामग्री तैयार करना.
आईआईटी की डिग्री नहीं, फिर भी ग्लोबल ब्रांड में जगह
आज जहां बड़ी टेक कंपनियों में जाने के लिए लोग आईआईटी या अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों की डिग्री को जरूरी मानते हैं, रुशाली ने इस सोच को तोड़ा. उन्होंने साबित किया कि प्रतिभा, मेहनत और स्किल्स के दम पर बिना किसी “बड़े नाम” वाले संस्थान से पढ़ाई किए भी वैश्विक कंपनियों तक पहुंचा जा सकता है.
प्रेरणा का स्रोत
रुशाली पवार का सफर उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो पारंपरिक शैक्षणिक रास्तों से हटकर भी बड़े सपने देखते हैं. उनका मानना है कि करियर में सफलता के लिए केवल डिग्री नहीं, बल्कि लगातार सीखने की चाह, मेहनत और क्रिएटिविटी ही असली पूंजी है.
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