
स्पोर्ट्स में बनाना है करियर, तो कदम दर कदम बढ़ें आगे
National Sports Day 2025 : वर्ष 1982 भारत में खेलों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष था, राजधानी दिल्ली में दूसरी बार एशियाई खेलों का आयोजन किया गया और भारत 13 गोल्ड, 19 सिल्वर और 25 ब्रॉन्ज समेत कुल 57 पदक अपने नाम कर पांचवें स्थान पर रहा. इसके बाद से खेल करियर के प्रति लोगों का नजरिये में बड़े पैमाने पर बदलाव आया. एथलेटिक्स में सफल करियर की जब मिसाल दी जाती है, तो मेजर ध्यानचंद, मिल्खा सिंह, गुरबचन सिंह रंधावा, पीटी ऊषा, मैरी कॉम, अभिनव बिंद्रा से लेकर नीरज चोपड़ा तक कई नाम सामने आते हैं. आज बहुत से युवा एथलेटिक्स में जाने का सपना देखते हैं. आप भी अगर उनमें से एक हैं, तो कुछ सवालों के जवाब तलाश कर आप बतौर एथलीट आगे बढ़ सकते हैं.
खेल के लिए जुनून है जरूरी
क्या आपमें खेलों के प्रति जन्मजात जुनून है? अगर जवाब हां है, तो आप खेल करियर को एक सुनहरे मौके में बदल सकते हैं. खेल करियर में प्रसिद्धि और पैसे के साथ अच्छी फिटनेस भी है. आप बैडमिंटन, फुटबॉल, क्रिकेट, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, जिमनास्टिक, निशानेबाजी, हॉकी, टेबल टेनिस, साइकिलिंग, कुश्ती आदि में से किसी भी खेल के क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं.
खुद से पूछें, क्यों बनना है खिलाड़ी
आपको खेल में करियर बनाना है, सिर्फ यह सोच लेना काफी नहीं है. किसी भी खिलाड़ी को मिलने वाली सफलता के पीछे वर्षों की कठोर मेहनत होती है, जिसे वे बिना नागा करते हैं. खिलाड़ियों की जो चमचमाती तस्वीरें आप देखते हैं और उन जैसा बनने का सपना पालते हैं, तो आपको उनके द्वारा रोजाना के अभ्यास में खेल के मैदान में बहाये गये पसीने को भी देखना होगा और खुद से ये सवाल करना होगा कि क्या आप इतनी मेहनत के लिए तैयार हैं! आप अगर मानसिक रूप से तैयार हैं और खिलाड़ी बनने के लिए उत्साहित हैं, तो आपने आधी लड़ाई जीत ली है. इसके बाद आते हैं कुछ अहम सवाल.
कैसे आगे बढ़ना है आगे, इसकी करें तैयारी
भारत में एथलीट कैसे बनें ? इसके लिए पहला कदम है एक खेल का चयन करना, जिसमें आपकी रुचि हो. लेकिन किसी खेल को सिर्फ इस वजह से न चुनें, क्योंकि आप उसे देखना पसंद करते हैं, इसलिए चुनें क्योंकि आप उसे खेलना पसंद करते हैं. इसके बाद अपनी स्ट्रेंथ का आकलन करें. कोचिंग की सुविधा और खेल की वित्तीय जरूरतों पर भी रिसर्च जरूरी है. इसके लिए स्कॉलरशिप, सीएसआर फंड के बारे में जानकारी हासिल कर आवेदन करें. इसके बाद आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि अपने खेल में अभ्यास और अनुशासन को संजीदगी से अपनाएं, संतुलित आहार लें, खेल प्रतियोगिताओं में भाग लें, लक्ष्य तय करें और मेंटर्स से बात करें.
स्कूल की खेल प्रतियोगिताओं से करें शुरुआत
स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिताओं से शुरुआत कर सकते हैं. राज्य की खेल टीम में अपनी जगह बना सकते हैं. खेल में बेहतर प्रदर्शन करते हैं, तो एक खिलाड़ी के रूप में भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के विभिन्न संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त करने का मौका मिल सकता है. एसएआई के तहत विभिन्न संस्थान और अकादमियां हैं, जो युवा प्रतिभाओं को प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में बदलने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करती हैं. एसएआई के अलावा कई राज्य स्तरीय और निजी संगठन हैं, जो खिलाड़ियों को आगे बढ़ाते हैं. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए खेल सकते हैं. स्पोर्ट्स पर्सन के पास आगे चलकर ट्रेनर और कोच के तौर पर भी काम करने का मौका होता है. रेलवे समेत कई सरकारी विभागों में खेल कोटा के तहत खिलाड़ियों की भर्ती की जाती है. आप बतौर स्पोर्ट्स टीचर भी करियर बना सकते हैं.भारत में खेल के बारे में मुकम्मल व अहम जानकारी खेलो इंडिया वेबसाइट https://kheloindia.gov.in से भी हासिल कर सकते हैं.
देश के प्रमुख खेल संस्थान
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स, पटियाला
नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, मणिपुर
लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन, ग्वालियर
लक्ष्मीबाई नेशनल कॉलेज फॉर फिजिकल एजुकेशन, तिरुवअनंतपुरम
इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, नयी दिल्ली
टाटा फुटबॉल एकेडमी, जमशेदपुर
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