
बाइक हुई चोरी, पर हिम्मत नहीं टूटी… इस महिला राइडर की गजब कहानी, सोशल मीडिया पर हजारों फॉलोवर्स
बागेश्वर: उत्तराखंड की शांत, खूबसूरत पहाड़ियों से निकलकर देशभर की सड़कें नापने वाली पहाड़ की बहादुर बेटी पूजा तलाल, जिन्हें लोग प्यार से राइडर नोनी के नाम से जानते हैं, आज भारत की सबसे प्रेरणादायक महिला सोलो राइडर्स में गिनी जाती हैं. उनका सफर सिर्फ किलोमीटरों में मापा जाने वाला सफर नहीं, बल्कि साहस, संघर्ष और आत्मविश्वास का जीता-जागता उदाहरण है. राइडर नोनी एक सोलो ट्रैवलर, बाइक राइडर और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं, जो अपने दम पर पूरे भारत की यात्रा कर चुकी हैं.
पहाड़ों में पली-बढ़ी होने के कारण उन्होंने बचपन से ही कठिन रास्तों, बदलते मौसम और सीमित सुविधाओं की चुनौतियों का सामना करना सीखा और यही मजबूती उनके हर सफर में दिखती है. पूजा ने तकरीबन हर राज्य की सीमाएं पार करते हुए देश के अलग-अलग मौसम, संस्कृति, खानपान और भाषा का अनुभव किया है. पहाड़ की खड़ी चढ़ाइयों से लेकर राजस्थान की धूलभरी हवाओं तक, गुजरात की गर्म सड़कों से लेकर पूर्वोत्तर के घुमावदार पहाड़ी मार्गों तक, उन्होंने हर रास्ते को खुले मन और मजबूत हौसले के साथ अपनाया.
वीडियो में बताती हैं ये बातें
नोनी के ट्रैवल व्लॉग्स और कहानियां इंस्टाग्राम पर हजारों लोगों को प्रेरित करती हैं. वह अपने वीडियो में सफर की कठिनाइयों, सुरक्षा, गियर, राइडिंग टिप्स, स्थानीय लोगों की संस्कृति और यात्रा के छोटे-बड़े अनुभवों को बेहद सहज अंदाज में साझा करती हैं, जिससे युवा यात्रियों को असली यात्रा का सच्चा अनुभव मिलता है.
गुवाहाटी में बाइक चोरी, फिर भी हिम्मत नहीं हारी
2025 में उनके साथ एक बड़ी घटना हुई, गुवाहाटी में उनकी बाइक चोरी हो गई. वह बाइक जिसे वह अपना साथी मानती थीं और जिसके साथ उन्होंने देशभर की यात्राएं तय की थीं. यह वाकई किसी भी यात्री के लिए झटका देने वाली घटना होती है, लेकिन पूजा ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी. देखते ही देखते देशभर से यात्रियों, बाइक राइडर्स और आम लोगों ने उनका साथ दिया.
लोगों ने उनकी पोस्ट को शेयर किया, मदद की पेशकश की और उन्हें मानसिक तौर पर मजबूत बनाया. पूजा कहती हैं कि बाइक चोरी हुई, पर मेरा जुनून नहीं. सड़कें अभी भी वहीं थी और मैं फिर लौटी. यह घटना उनके लिए टूटने की नहीं, बल्कि और मजबूत होकर आगे बढ़ने का मोड़ बनी.
महिलाओं के लिए बनी नई प्रेरणा
पूजा का मानना है कि यात्रा सिर्फ जगहों को देखना नहीं, बल्कि खुद को जानने का मौका है. अपने अनुभवों के जरिए वह खासकर महिलाओं को स्वतंत्र रूप से यात्रा करने, आत्मनिर्भर बनने और डर की सीमाओं से बाहर निकलने की प्रेरणा देती हैं. पहाड़ों में पली-बढ़ी पूजा ये भी बताती हैं कि चुनौती चाहे कैसी भी हो, रास्ता हमेशा बनाया जा सकता है. खुशी की बात यह भी है कि वे बागेश्वर जिले में रेडक्रॉस सोसायटी की सदस्य भी हैं.
हजारों लड़कियों के लिए उम्मीद की किरण
रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव आलोक पांडे ने लोकल 18 को बताया कि पूजा की कहानी आज हजारों लड़कियों के लिए उम्मीद की किरण है. जो खुली सड़कों पर अपने सपनों को उड़ान देना चाहती हैं, लेकिन कदम बढ़ाने से डरती हैं. राइडर नोनी का सफर बताता है कि अगर हिम्मत और लगन हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती.
उन्होंने पूरे भारत की यात्रा महिला सशक्तिकरण जागरूक के विषय पर की है. पूजा तलाल सिर्फ एक राइडर नहीं, बल्कि पहाड़ की उस बेटी की पहचान हैं, जिसने दुनिया को दिखा दिया कि सपने घर से निकलने पर ही पूरे होंगे. हाल ही में राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के मौके पर उन्हें जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित भी किया गया.
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