
दो बार फेल… जया ने फिर भी नहीं मानी हार, तीसरी बार में UPSC में गाड़ दिया सफलता का झंडा! छात्रों को दी ये सलाह
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अररिया के ग्रामीण परिवेश में पाली बढ़ी जया सहाय ने देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी में तीसरी बार में सफलता हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. उनकी इस सफलता से पूरा परिवार गर्व महसूस कर रहा है.
अररिया. अगर इरादा मजबूत हो तो रास्ते अपने आप बन जाते हैं. ऐसा ही कर दिखाया है अररिया जिले के भरगामा जैसे सुदूरवर्ती क्षेत्र के ग्रामीण परिवेश में पाली बढ़ी जया सहाय ने. उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी में तीसरी बार में सफलता हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है.
जया सहाय न्यूज़18 लोकल की टीम ने बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपने संघर्षों की कहानी साझा की. जया बताती हैं कि आईएएस बनने के सपने के रास्ते में कई कठिनाइयां आईं. कई बार असफलता भी हाथ लगी, लेकिन उन्होंने लंबे प्रयास, कड़ी मेहनत और अधूरे सपनों को पूरा करने के साहस, साथ ही परिवार और गुरुजनों के आशीर्वाद व मार्गदर्शन से यह मंजिल हासिल की.
परिवार और गुरुजनों को दिया सफलता का श्रेय
उन्होंने उच्च शिक्षा डीएवी पब्लिक स्कूल, पूर्णिया से पूरी की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और एलएलबी की पढ़ाई की. आगे चलकर उन्होंने अपने घर पर रहकर स्व अध्ययन (सेल्फ स्टडी) ऑनलाइन पढ़ाई-लिखाई के माध्यम से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और बीते 28 अक्टूबर को इस कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त की. जया सहाय ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार और गुरुजनों को दिया है.
छात्रों और युवाओं को दिए सफलता के सुझाव
जया ने बताया कि उन्होंने असफलताओं में भी किस प्रकार अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखा और किस प्रकार खुद को मोटिवेट किया. जया ने अपनी सफलता के पीछे उनके द्वारा पढ़े गए सेल्फ हेल्प किताबों का भी योगदान बताया. उन्होंने कहा आपके पास इतनी अच्छी सुविधा है बस छात्रों को अब मेहनत करनी हैं सफलता जरूर मिलेगी.
उन्होंने बताया कि दो बार यूपीएससी में असफलता मिली इसके बाद दिल टूट गया था लेकिन कहते हैं अगर सपना जीत का होता है तो फिर हार कोई मायने नहीं रखती है. तीसरी बार में हमने यूपीएससी परीक्षा दी और सफलता प्राप्त की. जया ने ग्रामीणों क्षेत्रों के छात्रों से आग्रह किया है आज-कल डिजिटल दुनिया है अगर आप को कुछ करना है तो आसानी से कर सकते हैं. आज के दौर में देश की बड़ी से बड़ी परीक्षा आप ऑनलाइन class के माध्यम से भी कर सकते हैं. इसके लिए आपको मेहनत करने की जरूरत पड़ेगी.
साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु जी को याद किया
सीमांचल क्षेत्र जो कि महान साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु जी के धरती से जाना जाता है इसलिए अररिया जिले के भरगामा प्रखंड अंतर्गत रहरिया गांव की बेटी जया सहाय ने साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु जी का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में हम रेणु जी के घर भी गए थे. हम लोगों को बहुत गर्व महसूस होता है कि महान् साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु हमारे धरती पर जन्मे थे, उन्होंने साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु जी को याद कर नमन भी किया.

with more than more than 5 years of experience in journalism. It has been two and half year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am cover…और पढ़ें
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