
Fashion Technology में बढ़ी डिमांड, लाखों में सैलरी, करें ये कोर्स
Career in Fashion Technology: आज के समय में फैशन सिर्फ कपड़ों तक सीमित नहीं रह गया है. यह अब एक बड़ा इंडस्ट्री सेक्टर बन चुका है जहां टेक्नोलॉजी और डिजाइन का शानदार मेल देखने को मिलता है. फैशन टेक्नोलॉजी (Fashion Technology) की डिमांड हर साल तेजी से बढ़ रही है और इसमें करियर बनाने वाले युवाओं को लाखों रुपये तक की सैलरी मिल रही है.
What is Fashion Technology: क्या है फैशन टेक्नोलॉजी?
फैशन टेक्नोलॉजी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कपड़ों, फैब्रिक, डिजाइन और प्रोडक्शन के साथ-साथ टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है. इसमें डिजाइन सॉफ्टवेयर, ऑटोमेटेड सिलाई मशीनें, और टेक्सटाइल इंजीनियरिंग जैसी चीजें शामिल होती हैं. इसका मकसद फैशन इंडस्ट्री को और ज्यादा क्रिएटिव, मॉडर्न और यूजर-फ्रेंडली बनाना है.
क्यों बढ़ रही है इसकी डिमांड?
फैशन इंडस्ट्री अब पूरी तरह डिजिटल हो चुकी है. ऑनलाइन ब्रांड्स, ई-कॉमर्स साइट्स और ग्लोबल मार्केट में डिजाइनर्स की जरूरत बढ़ गई है. यही वजह है कि फैशन टेक्नोलॉजी में प्रोफेशनल्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है. जो छात्र डिजाइन के साथ टेक्निकल स्किल्स जानते हैं, उनकी वैल्यू कंपनियों में बहुत ज्यादा है.
कौन-कौन से कोर्स कर सकते हैं?
अगर आप इस फील्ड में आना चाहते हैं तो कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं. जैसे- BSc in Fashion Technology, BDes in Fashion Design, Diploma in Fashion Technology या Post Graduate Diploma in Fashion Management. इन कोर्स में डिजाइन, टेक्सटाइल साइंस, पैटर्न मेकिंग और CAD सॉफ्टवेयर सिखाया जाता है.
कहां से करें फैशन टेक्नोलॉजी कोर्स?
भारत में कई प्रतिष्ठित संस्थान हैं जो फैशन टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करवाते हैं. जैसे- NIFT (National Institute of Fashion Technology), Pearl Academy, JD Institute of Fashion Technology, Symbiosis Institute of Design आदि. इन कॉलेजों से पढ़ाई करने के बाद स्टूडेंट्स को अच्छे प्लेसमेंट और इंटरनेशनल ब्रांड्स में काम करने के मौके मिलते हैं.
करियर और सैलरी के मौके
इस फील्ड में करियर ऑप्शन बहुत हैं. आप फैशन डिजाइनर, टेक्सटाइल एनालिस्ट, मर्चेंडाइजर, CAD डिजाइनर, प्रोडक्शन मैनेजर या फैशन कंसल्टेंट बन सकते हैं. शुरुआती सैलरी 30 से 50 हजार रुपये प्रतिमाह होती है, जबकि कुछ सालों का अनुभव मिलते ही ये बढ़कर लाखों में पहुंच जाती है.
यह भी पढ़ें: AI स्पेशलिस्ट की बढ़ी डिमांड, करें ये स्मार्ट कोर्स, लाखों में होगी सैलरी
फैशन टेक्नोलॉजी और फैशन डिजाइन में क्या फर्क है?
फैशन डिजाइन में सिर्फ कपड़ों और स्टाइलिंग पर फोकस होता है, जबकि फैशन टेक्नोलॉजी में डिजाइन के साथ मशीन, सॉफ्टवेयर और प्रोडक्शन की जानकारी भी दी जाती है. यह एक ज्यादा टेक्निकल फील्ड है.
क्या साइंस स्ट्रीम के छात्र ही इस कोर्स में जा सकते हैं?
नहीं, आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम के छात्र भी फैशन टेक्नोलॉजी कोर्स कर सकते हैं. बस क्रिएटिव सोच, डिजाइनिंग में रुचि और बेसिक कंप्यूटर नॉलेज होना जरूरी है.
क्या फैशन डिजाइनिंग में सरकारी नौकरी के अवसर हैं?
जी हां, फैशन टेक्नोलॉजी से जुड़े छात्रों के लिए सरकारी संस्थानों और हैंडलूम बोर्ड में भी जॉब के अवसर मिलते हैं. इसके अलावा कई सरकारी प्रोजेक्ट्स में फैब्रिक और डिजाइन से जुड़े पद भी होते हैं.
कोर्स की फीस कितनी होती है?
फैशन टेक्नोलॉजी कोर्स की फीस कॉलेज पर निर्भर करती है. सरकारी संस्थानों में सालाना फीस लगभग 1 से 2 लाख रुपये होती है, जबकि प्राइवेट कॉलेजों में ये 3 से 6 लाख रुपये तक जा सकती है.
क्या विदेशों में भी करियर के मौके हैं?
हां, फैशन टेक्नोलॉजी एक ग्लोबल इंडस्ट्री है. इंटरनेशनल ब्रांड्स जैसे Zara, H&M, Nike, और Gucci में भी भारतीय डिजाइनर्स और टेक्नोलॉजिस्ट काम कर रहे हैं. अगर आपके पास क्रिएटिव पोर्टफोलियो और इंटरनेशनल सर्टिफिकेट हैं, तो विदेश में मौके और सैलरी दोनों बेहतरीन हैं.




