
रोने पर मजबूर कर देगी इस लड़के की कहानी, गरीबी और मां की गंभीर बीमारी के बीच हासिल की सफलता
JEE Success Story: कहते हैं मेहनत के आगे गरीबी और खराब किस्मत भी घुटने टेक देती है. कुछ ऐसी ही कहानी है बिहार के बेटे सुजीत माधव की. सरकारी स्कूल से पढ़ने वाले सुजीत माधव ने मेहनत से न सिर्फ जेईई परीक्षा में सफलता हासिल की बल्कि इतिहास रचकर परिवार और राज्य का नाम गौरवान्वित किया. आइए, जानते हैं कैसे सुजीत सरकारी स्कूल से निकलकर जेईई परीक्षा तक पहुंचें.
JEE Success Story:पिता गरीब किसान
सुजीत बिहार (Bihar News) के शेखपुरा जिले के रहने वाले हैं. सुजीत बेहद गरीब परिवार से आते हैं. उनके पिता खेतिहर किसान और मां गृहिणी हैं. उनका घर आधा कच्चा-पक्का. परिवार में जो कमाई होती थी, वो खाने-पीने में चली जाती थी जैसे-तैसे परिवार का गुजारा होता था. परिवार का पेट पालने के लिए सुजीत के पिता कभी कई बार मजदूरी भी करते थे.
JEE Success Story: मां गंभीर बीमारी से जूझ रहीं
पिता ने सुजीत को उधार लेकर कोटा पढ़ने भेजा था. लेकिन इधर उनकी मां की हालत खराब हो गई. साल 2023 की बात है, सुजीत की मां का ब्रेन हैमरेज हो गया. ऐसे में 12वीं की परीक्षा से ठीक पहले सुजीत घर आया. लेकिन परिवार और भाई के समझाने के बाद फिर कोटा चला गया. मां की बीमारी और आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने शिक्षकों के मार्गदर्शन में 12वीं में अच्छा परफॉर्म किया. पिछले साल सुजीत की मां को कैंसर जैसी जानलेवा और गंभीर बीमारी ने घेर लिया. ऐसे में परिवार के ऊपर दवाइयों और उनके इलाज का खर्च बढ़ गया.
JEE Success Story: जेईई में हासिल की सफलता
सुजीत ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की. उन्हें 10वीं में 85% और 12वीं में 81% अंक थे. इसके बाद उनकी अकैडमिक परफॉर्मेंस को देखकर कोटा के एक निजी कोचिंग संस्थान ने 70% फीस माफ कर उन्हें सपोर्ट किया, और पीजी संचालिका ने बिना किराया मांगे रहने को दिया. सुजीत माधव ने JEE Mains में 98.555 पर्सेंटाइल हासिल कर इंजीनियर बनने की ओर पहला कदम बढ़ाया. उन्होंने JEE Main 2025 में एआइआर-22268 और ओबीसी कैटेगरी रैंक 5625 प्राप्त की है.
JEE Success Story: लाखों बच्चों को मिली प्रेरणा
सुजीत ने जेईई जैसी कठिन परीक्षा पास करके उन गरीब और कमजोर परिवार से आने वाले बच्चों के लिए मिसाल पेश की है, जो अपने हालात को बदलना चाहते हैं. अब सुजीत इंजीनियरिंग बनेंगे और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारेंगे. उनकी इस उपलब्धि से परिवार वाले काफी खुश हैं.
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