
नित नया सीखना आज के दौर में है सफलता का सूत्र
Career Guidance:विश्व के प्रसिद्ध चित्रकार लियोनार्डो द विंची ने एक बार कहा था,’सीखने से दिमाग कभी नहीं थकता.’ इसका मतलब है कि नयी चीजें सीखने से हमारा दिमाग थकता नहीं है, बल्कि यह उसे और मजबूत बनाता है. दुनिया भर में बच्चे सीखने के लिए बहुत कम उम्र से स्कूल जाते हैं और यह प्रक्रिया कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक जारी रहती है. डिग्री और जॉब मिल जाने के बाद भी सीखने का यह क्रम थमता नहीं, बेशक थोड़ा धीमा पड़ जाता है. बीते दशक में तकनीक के बढ़ते दखल और विस्तार के बाद कार्यक्षेत्रों में सीखने की प्रवृत्ति वाले पेशेवरों की मांग बढ़ी है. नया सीखने और करने का हुनर एक लाभकारी कौशल है, जिससे होनेवाले लाभ की एक बड़ी सूची बन सकती है, लेकिन इसे आप सिर्फ इस तरह समझ सकते हैं कि यह आपके लिए भविष्य में संभावनाओं का विस्तार करती है और इससे आपको बेहतर जीवन जीने में मदद मिलती है. आजीवन सीखने वाले, वे व्यक्ति होते हैं जो अपने कौशल को निखारना और अपने ज्ञान का विस्तार करना कभी नहीं छोड़ते हैं और व्यक्तिगत या व्यावसायिक विकास में गहरी रुचि रखते हैं.
आजीवन सीखने हैं कई फायदे
- कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि हमेशा नया सीखने की प्रवृत्ति मस्तिष्क को स्वस्थ रखती है.
- आजीवन सीखने का एक बड़ा लाभ है कि इससे करियर में उन्नति के अवसर मिलते हैं.
- आप अपनी पेशेवर क्षमताओं का विस्तार करते हैं और करियर में आगे बढ़ते हैं.
- सीखने की प्रवृत्ति नियोक्ता का विश्वास और सम्मान अर्जित करने का आधार बनती है.
- आप अपने कौशल को निखारते हैं और नये हुनर सीखते हैं. इससे जीवन में आत्मसंतुष्टि और आत्मविश्वास दोनों हासिल होते हैं.
- यह आपके लिए नये करियर का द्वार भी खोल सकती है. अगर आपकी वर्तमान नौकरी आपके अनुकूल नहीं है और आप अपनी रुचि के मुताबिक कोई ऑनलाइन कोर्स कर अपने पसंदीदा कार्यक्षेत्र का रुख कर सकते हैं.
- प्रत्येक सप्ताह सीखने के लिए एक निश्चित समय समर्पित करने से आप जीवन की गुणवत्ता में सुधार ला सकते हैं. मसलन, आपने किसी कोर्स में साइन अप किया है, तो 30 मिनट पहले जागकर उस कोर्स को पूरा करने में कुछ समय बिता सकते हैं या सामान्य से 15 मिनट पहले बिस्तर पर जाने की योजना बना सकते हैं, ताकि आप कुछ पढ़ सकें.
स्वयं में ऐसे विकसित करें सीखने की प्रवृत्ति
हमारी लगातार विकसित हो रही, तेज गति वाली दुनिया में, निरंतर सीखने की प्रतिबद्धता पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गयी है. याद रखें – प्रत्येक नया दिन सीखने, विकसित करने और आपके क्षितिज को व्यापक बनाने का एक नया मौका प्रदान करता है. आपको सफलतापूर्वक आजीवन सीखने वाला बनने के लिए अपनी दिनचर्या में कई स्वस्थ आदतों को शामिल करना होगा.
विकास की मानसिकता अपनाएं : आजीवन सीखना उतना ही आपकी मानसिकता को दर्शाता है, जितना कि यह आपके द्वारा किये जाने वाले विशेष कार्यों को दिखाता है. इसलिए स्वयं में सीखते रहने की मानसिकता को विकसित करना और अपने जीवन को आत्म-विकास के दृष्टिकोण से देखना महत्वपूर्ण है. आप जैसे-जैसे अपने जीवन में आगे बढ़ते हैं, हमेशा नया कुछ सीखने के अवसरों की तलाश करें. इससे आपको अपनी सीखने की यात्रा में स्वयं को एक सक्रिय भागीदार के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी.
चुनौतियों से डरें नहीं, उनका स्वागत करें : सीखना फायदेमंद है, लेकिन यह हमेशा आसान नहीं होता. इसमें आपको कई बार नयी चुनौतियों एवं असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन आजीवन सीखने वाले नयी चुनौतियों को स्वीकार करते हैं और अपने कौशल और ज्ञान का विस्तार करने के अवसरों की तलाश करने से कभी भी डरते नहीं. आप भी स्वयं में ऐसी मानसिकता विकसित कर सकते हैं, जो बदलाव एवं समय-समय पर नयी चुनौतियां स्वीकार करने के लिए तैयार हो.
अपने भविष्य के मालिक बनें : सीखने की प्रवृत्ति विकसित करने में अपने भविष्य के बारे में सक्रिय रहना और इसकी पूरी जिम्मेदारी लेना भी शामिल है. आपको अपने भविष्य के लिए अपने लक्ष्यों और आकांक्षाओं के साथ-साथ वर्तमान में अपने जीवन के लिए क्या महत्वपूर्ण है, यह चुनने वाला व्यक्ति बनना चाहिए. इससे आपके सीखने की क्षमता का विस्तार होगा.
समय प्रबंधन का कौशल विकसित करें : कभी-कभी दैनिक जिम्मेदारियों के कारण सीखने के लिए समय निकालना कठिन हो सकता है. इसलिए समय प्रबंधन को गंभीरता से अपने जीवन में शामिल करें.
पढ़ने को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं : पढ़ने को अपनी दिनचर्या में शामिल करना नये ज्ञान तक पहुंच प्राप्त करने का एक आसान और सुविधाजनक तरीका है. इसलिए पढ़ने के लिए समय जरूर निकालें.
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