
5 बार फेल…हार नहीं मानी, IAS बन लिखी नई कहानी, ऐसा है UPSC Topper का Success फॉर्मूला
Success Story of Vishal Narwade in Hindi: कहा जाता है कि “कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती” और यह बात IAS विशाल नरवाडे (Vishal Narwade) की जिंदगी पर बिल्कुल फिट बैठती है. UPSC परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, जिसे पास करने का सपना लाखों युवा देखते हैं. लेकिन इस सपने को साकार करने के लिए धैर्य, मेहनत और बार-बार प्रयास की जरूरत होती है. कई लोग एक-दो असफलताओं के बाद हार मान लेते हैं, जबकि कुछ लोग अंत तक संघर्ष करते हैं. महाराष्ट्र के लातूर जिले के विशाल नरवाडे ने भी पांच बार असफल होने के बाद हार नहीं मानी और छठे प्रयास में अपने सपने को सच कर दिखाया.
शुरुआती जीवन और शिक्षा (Success Story of Vishal Narwade)
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विशाल नरवाडे का जन्म और पालन-पोषण महाराष्ट्र के लातूर जिले में हुआ. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा लातूर से पूरी की और इसके बाद जबलपुर IIT से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया. पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने सिविल सर्विसेज में जाने का निर्णय लिया और IAS बनने का सपना देखा.
इसे भी पढ़ें- रिक्शे वाले का बेटा है…तानों से UPSC Topper तक, रुला देगी इस IAS की कहानी | IAS Success Story
संघर्ष और असफलताएं (Success Story in Hindi)
IAS की कुर्सी तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था. उन्होंने UPSC की तैयारी के दौरान लगातार पांच प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी. वर्ष 2016 में, विशाल ने UPSC पास कर IPS पद हासिल किया. लेकिन उनका सपना IAS बनना था, जिसके लिए उन्होंने प्रयास जारी रखा.
छठा प्रयास और सफलता (UPSC Success Story of Vishal Narwade)
वर्ष 2019 में अपने अंतिम प्रयास में उन्होंने 91वीं रैंक हासिल कर IAS बनने (Success Story of Vishal Narwade) का सपना पूरा किया. यह उनके धैर्य और निरंतर मेहनत का परिणाम था.
तैयारी की रणनीति (UPSC Success Story in Hindi)
विशाल नरवाडे का मानना है कि UPSC की तैयारी में विषयों को उनके वेटेज के अनुसार प्राथमिकता देनी चाहिए. उन्होंने बताया कि अगर आप पूरा सिलेबस कवर करने बैठेंगे, तो समय कम पड़ जाएगा. जिन विषयों से ज्यादा सवाल आते हैं, उन पर ज्यादा फोकस करें. साथ ही, उन्होंने रिवीजन को सबसे अहम बताया और कहा कि अधिक से अधिक बार रिवीजन करें तथा परीक्षा में रिलैक्स और पॉजिटिव होकर बैठें.
यह भी पढ़ें- 720 में से 720 अंक, NEET ही नहीं 10-12वीं में भी टॉपर, कौन हैं Karthika G Nair? | NEET Success Story in Hindi 2025
Source link