
12वीं के बाद कैसे बने एस्ट्रोनॉट? Shubhanshu Shukla की तरह आप भी भर सकते हैं उड़ान
How to Become Astronaut after 12th: क्या आपने कभी अंतरिक्ष में जाने का सपना देखा है? अगर हां, तो शुभांशु शुक्ला की कहानी आपके लिए प्रेरणा बन सकती है. शुभांशु ने 12वीं के बाद अपने जुनून को कभी पीछे नहीं छोड़ा और आज वो नासा और इसरो जैसे संगठनों में शामिल होने के रास्ते पर हैं. आइए जानें कि 12वीं के बाद छात्र कैसे बन सकता है एस्ट्रोनॉट (Astronaut) और उसके लिए जाॅब्स के अवसर.
कौन से विषयों का चुनाव करें? (Astronaut after 12th)
अगर आप एस्ट्रोनॉट (Astronaut) बनना चाहते हैं तो 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स (PCM) लेने जरूरी होते हैं. इसके बाद आप इन ग्रेजुएशन कोर्स में से किसी एक का चयन कर सकते हैं:
- B.Tech in Aerospace Engineering
- B.Sc in Physics या Astrophysics
- B.Tech in Mechanical/Electronics.
बेस्ट कॉलेज और संस्थान (Astronaut Salary in Hindi)
भारत में कई टॉप संस्थान हैं जहां से पढ़ाई करके आप एस्ट्रोनॉट बनने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं:
- IITs (Indian Institutes of Technology)
- IISc Bangalore
- IIST (Indian Institute of Space Science and Technology) – इसरो द्वारा संचालित
- BITS Pilani, Delhi University (DU).
आगे की पढ़ाई और ट्रेनिंग (How to Become Astronaut)
सिर्फ ग्रेजुएशन ही काफी नहीं होता, इसके बाद आपको मास्टर्स या PhD करनी होती है जिसकी जानकारी इस प्रकार है-
- M.Tech in Aerospace
- MSc in Space Science
- PhD in Astronomy/Astrophysics
- इसके साथ ही पायलट ट्रेनिंग, स्कूबा डाइविंग, जी-फोर्स ट्रेनिंग और फिजिकल फिटनेस भी बेहद जरूरी है.
शुभांशु शुक्ला से सीखें (How to Become Astronaut)
शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं और उन्होंने कठिन हालातों में भी हार नहीं मानी. उन्होंने अपनी पढ़ाई कर कई प्रोजेक्ट्स में इंटर्नशिप ली और ISRO के साथ भी जुड़े. उनका सपना है कि वो भारत के पहले नागरिक एस्ट्रोनॉट बनें जो भविष्य में चंद्रयान या गगनयान मिशन का हिस्सा हों.
एस्ट्रोनाॅट को कितनी सैलरी मिलती है? (Astronaut Salary in Hindi)
एक अंतरिक्ष यात्री का वेतन अनुभव, देश और एजेंसी के आधार पर अलग-अलग होता है. अमेरिका में नासा के अंतरिक्ष यात्री अपने ग्रेड और अनुभव स्तर (GS-12 से GS-14) के आधार पर प्रति वर्ष 66,000 से 160,000 डाॅलर के बीच सैलरी होती है. भारत में ISRO के अंतरिक्ष यात्री प्रति वर्ष लगभग 15 से 25 लाख सैलरी होती है. साथ ही आवास, बीमा और यात्रा जैसे अतिरिक्त भत्ते और लाभ भी पा सकते हैं.
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