
बीफार्मा या डीफार्मा? जानिए कौन से Course में मिलेगी High Salary
Best Career Options After 12th: यदि आप मेडिकल फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं और डॉक्टर या नर्सिंग के अलावा अन्य विकल्प तलाश रहे हैं, तो फार्मेसी आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है. फार्मेसी में दवा निर्माण, जांच, क्वालिटी कंट्रोल और उनकी सुरक्षित उपलब्धता से जुड़े पहलुओं की जानकारी दी जाती है. ऐसे में बायोलॉजी से पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह बेस्ट करियर ऑप्शन (Best Career Options) हो सकता है.
फार्मेसी की पढ़ाई के लिए छात्रों के पास दो विकल्प हैं, डीफार्मा और बीफार्मा. आइए जानते हैं दोनों कोर्स एक दूसरे से कैसे अलग हैं और दोनों में क्या अंतर है. साथ ही ये जानेंगे कि कौन सा कोर्स बेहतर है.
डीफार्मा (डिप्लोमा इन फार्मेसी)
यह 2 साल का कोर्स है, जो उन छात्रों के लिए उपयुक्त है जो मेडिसिन बिजनेस या स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं. यह एक डिप्लोमा डिग्री है.
बीफार्मा (बैचलर ऑफ फार्मेसी)
यह 4 साल का कोर्स है, जिसमें छात्रों को दवा निर्माण, रिसर्च, मार्केटिंग और अस्पतालों में फार्मासिस्ट के तौर पर काम करने की ट्रेनिंग दी जाती है. यह एक बैचलर डिग्री है.
Best Career Options After 12th: डीफार्मा Vs बीफार्मा: कौन बेहतर?
बीर्मा की तुलना में डीफार्मा कम अवसर प्रदान करता है. बीफार्मा पूरा करने वाले छात्रों के लिए करियर की संभावनाएं कई गुना अधिक होती हैं. बीफार्मा में करियर ऑप्शन के साथ साथ सैलरी भी अच्छी है. साथ ही यह बैचलर डिग्री है. ऐसे में इसकी मान्यता अधिक होती है. आइए, जानते हैं कि बीफार्मा में क्या करियर ऑप्शन हैं.
Career Options in BPharma: करियर अवसर
बीफार्मा पूरा करने पर आपके पास प्राइवेट और सरकारी दोनों क्षेत्रों में असीमित अवसर उपलब्ध होते हैं. यहां देखें दोनों सेक्टर में नौकरी के ऑप्शन-
- प्राइवेट सेक्टर में अवसर
बीफार्मा के बाद छात्र फार्मा इंडस्ट्री, कम्यूनिटी फार्मेसी, हॉस्पिटल फार्मेसी, क्वालिटी कंट्रोल, सेल्स एंड मार्केटिंग, मेडिकल कोडिंग एंड बिलिंग जैसे क्षेत्रों में काम कर सकते हैं. देश की बड़ी फार्मा कंपनियां जैसे सन फार्मास्यूटिकल, डॉ. रेड्डी लैब्स, सिपला, बायोकॉन आदि में बी.फार्मा उत्तीर्ण छात्रों की हमेशा डिमांड रहती है.
- सरकारी नौकरी के अवसर
फार्मेसी छात्रों के लिए सरकारी क्षेत्र में सबसे आकर्षक विकल्प है ड्रग इंस्पेक्टर बनना. ड्रग इंस्पेक्टर का काम दवाओं की क्वालिटी और सुरक्षा जांचना, अवैध दवाओं पर रोक लगाना और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 का पालन करवाना होता है. इसके लिए बी.फार्मा और कम से कम 2 साल का कार्य अनुभव जरूरी है.
मान्यता प्राप्त संस्थान से ही करें पढ़ाई
फार्मेसी कोर्स उन्हीं कॉलेजों से किया जाना चाहिए जिन्हें फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) की मान्यता प्राप्त हो. छात्रों को नामांकन से पहले यह जरूर जांच लेना चाहिए. साथ ही कॉलेज की ग्रेडिंग और रैंकिंग चेक कर लें.
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