
नौकरी के साथ बचाएं पर्यावरण…ग्रीन इकोनॉमी में 2047 तक नौकरियों की बहार!
Career in Green Economy in Hindi: आज पूरी दुनिया पर्यावरण की चिंता को गंभीरता से ले रही है. इसी दिशा में ग्रीन इकोनॉमी यानी हरित अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से कदम बढ़ रहे हैं. अब ऊर्जा, खेती, ऑटोमोबाइल और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना काम करने पर ज़ोर दिया जा रहा है. इससे युवाओं के लिए ग्रीन जॉब्स यानी पर्यावरण से जुड़ी नौकरियों के नए अवसर तेजी से बढ़े हैं.
सस्टेनेबिलिटी कोर्स की मांग क्यों बढ़ी? (Career in Green Economy)
आज के युवा सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि समाज और प्रकृति के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं. यही वजह है कि ‘सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट प्रोग्राम’ की मांग बढ़ी है. टेरी स्कूल ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थान अब ऐसे कोर्स चला रहे हैं, जो छात्रों को पर्यावरण के क्षेत्र में करियर के लिए तैयार करते हैं.
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भारत में ग्रीन जॉब्स का भविष्य (Career in Green Economy)
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत 2047 तक लगभग 3.5 करोड़ ग्रीन जॉब्स पैदा कर सकता है. इनमें से अधिकतर नौकरियां ऊर्जा, टेक्नोलॉजी, कृषि और ऑटो सेक्टर से जुड़ी होंगी. भारत की युवा आबादी और विकास की तेज़ रफ्तार इसे इस क्षेत्र में एक बड़ा नाम बना सकती है.
पढ़ाई का तरीका भी बदलेगा (Careers in Sustainability)
ग्रीन इकोनॉमी में करियर के लिए सिर्फ एक विषय की पढ़ाई काफी नहीं. आपको पर्यावरण, डेटा साइंस, इकोनॉमिक्स और टेक्नोलॉजी जैसे विषयों की भी जानकारी होनी चाहिए. टेरी जैसे संस्थान इन सभी को जोड़कर बेहतर पाठ्यक्रम दे रहे हैं, जो इंडस्ट्री और विदेशी यूनिवर्सिटी से जुड़े होते हैं.
एडमिशन शुरू (Careers in Sustainability & the Green Economy)
शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए सस्टेनेबिलिटी से जुड़े कोर्सेस में एडमिशन शुरू हो गए हैं. छात्र चार साल के ग्रेजुएशन या पांच साल के इंटीग्रेटेड प्रोग्राम में आवेदन कर सकते हैं. यह उनके लिए शानदार मौका है, जो पर्यावरण के लिए काम करना चाहते हैं और साथ ही अच्छी नौकरी भी पाना चाहते हैं.
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