
कॉरपोरेट लॉयर बनना है, तो जानें कैसे बढ़ सकते हैं आगे
Career Guidance : कानून के जानकारों की हमेशा से न सिर्फ मांग रही है, समाज में एक खास ओहदा भी रहा है. समय के साथ कानून पेशेवरों के लिए लगातार अच्छी आयवाले नये मौके सृजित हुए हैं. इसलिए आज बड़े पैमाने पर युवा लॉ कोर्स की ओर रुख करते हैं. बदलते सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य और नियामक की बढ़ती भूमिका के कारण कानून पेशेवरों के लिए किसी क्षेत्र विशेष में काम करने के विकल्प भी विकसित हुए हैं. एक ऐसा ही विकल्प है कॉरपोरेट लॉ. अब लगभग सभी बड़ी कंपनियां कॉरपोरेट लॉयर की टीम नियुक्त करती हैं. हालांकि यह एक चुनौतीपूर्ण कार्यक्षेत्र है, जिसमें स्थापित होने के लिए कड़ी मेहनत की दरकार होती है. इसके लिए आपको कई वर्षों तक अध्ययन करना होगा और अनुभव प्राप्त करने की आवश्यकता होगी. लेकिन एक बार इस क्षेत्र में स्थापित हो जाने के बाद अच्छी आय और पहचान दोनों के भरपूर मौके मिलते हैं.
क्या है कॉरपोरेट लॉ
कॉरपोरेट लॉ के पेशेवर, औद्योगिक घरानों, कंपनियों और फर्म के कानूनी सलाहकार के तौर पर काम करते हैं. कॉरपोरेट लॉयर अपने क्लाइंट्स को कानूनी तरीके से व्यापार करने की सलाह देते हैं और उन्हें कानूनी अधिकारों और सीमाओं के बारे में बताते हैं. नयी फर्म के लिए शुरुआती कागजात तैयार करने से लेकर कॉरपोरेट रीऑर्गेनाइजेशन करने तक की जिम्मेदारी कॉरपोरेट लॉयर की होती है. अपनी कंपनी की ओर से अदालत में केस फाइल करने, वहां कपंनी का प्रतिनिधित्व करने और कंपनी के खिलाफ दर्ज मामले में कंपनी का बचाव करने का काम कॉरपोरेट का होता है. विशेष मामलों जैसे विलय और अधिग्रहण आदि में कानूनी मुद्दों को संभालने का काम भी यही करते हैं.
ऐसे बढ़ सकते हैं आगे
कॉरपोरेट लॉयर बनने के लिए पहले तो लॉ में ग्रेजुएशन करना होगा, इसके बाद कॉरपोरेट लॉ स्पेशलाइजेशन कर के इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं. आप अगर बारहवीं में कॉमर्स ले लेते हैं, तो आपके लिए कॉरपोरेट लाॅ की पढ़ाई थोड़ा आसान हो जायेगी. आप बीकॉम के बाद एलएलबी करते हैं, तो यह भी आपके लिए मददगार साबित होगा. इस क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक अधिकतर छात्र बारहवीं के बाद कॉरपोरेट लॉ में पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स या पांच वर्षीय बीए एलएलबी (ऑनर्स) कोर्स में प्रवेश लेने को तरजीह देते हैं. आप एलएलबी के बाद दो वर्षीय एलएलएम इन कॉरपोरेट लॉ, पीजी डिप्लोमा इन कॉरपाेरेट लॉ या पीजी डिप्लोमा इन बिजनेस एंड कॉरपोरेट लॉ कर सकते हैं.
यहां से करें पढ़ाई
पांच वर्षीय एलएलबी प्रोग्राम के लिए प्रमुख संस्थान हैं- नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु. नलसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद. नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, नयी दिल्ली, जोधपुर, भोपाल. गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधीनगर. वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज, कोलकाता. तीन वर्षीय एलएलबी कोर्स के लिए प्रमुख संस्थान हैं- फैकल्टी ऑफ लॉ, दिल्ली यूनिवर्सिटी. फैकल्टी ऑफ लाॅ, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी. गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई. आईएलएस लॉ कॉलेज, पुणे.
प्रवेश परीक्षाओं के बारे में जानें
किसी अच्छे संस्थान में पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड एलएलबी कोर्स में प्रवेश के लिए कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट), ऑल इंडिया लाॅ एंट्रेंस टेस्ट (एआईएलईटी) प्रवेश परीक्षाओं में से किसी एक में सफलता हासिल करना जरूरी है.
करियर बनाने के मौके हैं यहां
कॉरपोरेट लॉ का कोर्स करने के बाद आपके पास कानूनी, आर्थिक और वित्तीय मामलों की एक महत्वपूर्ण समझ होगी. इसके साथ ही आप अगर मौखिक और लिखित दोनों में अच्छा संचार कौशल विकसित कर लेते हैं, तो आपके पास आगे बढ़ने के बेहतरीन मौके होंगे.
लॉ फर्म : अधिकांश कॉरपोरेट वकील कानून फर्मों में काम करते हैं. यहां इनका काम विलय, अधिग्रहण, संयुक्त उपक्रम और श्रम या कॉरपोरेट कानून संबंधी मामलों पर कानूनी सलाह देना या समझौतों का मसौदा तैयार करना होता है.
बैंक एवं बीमा कंपनियां : निजी बैंक एवं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों सभी को कॉरपोरेट लॉयर की जरूरत होती हैं. बैंकों में एक निर्धारित चयन प्रक्रिया के तहत कॉरपोरेट लॉयर की नियुक्ति की जाती है. बीमा कंपनियां भी कानूनी मामलों को सुलझाने के लिए कॉरपोरेट लॉ के पेशेवरों की सेवाएं लेती हैं.
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम : सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में एक कानूनी अनुभाग होता है, जिसमें कॉरपोरेट लॉयर के लिए मौके होते हैं. कई उपक्रम अपनी चयन प्रक्रिया (लिखित परीक्षा, समूह चर्चा, साक्षात्कार से मिलकर) के माध्यम से नियुक्ति करते हैं.
निजी क्षेत्र : देश के सभी बड़े कॉरपोरेट घराने एवं कंपनियों की अपनी एक कानूनी टीम होती है. ये कंपनियां समय-समय पर कॉरपोरेट लॉ के पेशेवरों की नियुक्ति करती हैं.
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