
पिता मैकेनिक, उर्दू स्कूल से हुई पढ़ाई, रेना जमील ने UPSC में गाड़ा झंडा
Rena Jamil IAS Success Story: कहते हैं मेहनत और लगन से बड़ी-से-बड़ी उपलब्धि हासिल की जा सकती है. रेना जमील पर ये बात फीट बैठती है. वे एक ऐसे परिवार से आती हैं, जिसकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. लेकिन रेना ने इस सब बातों की परवाह किए बिना सपना देखना नहीं छोड़ा. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करके अपने माता-पिता को गौरवान्वित किया.
Rena Jamil Success Story: 8वीं तक उर्दू में हुई पढ़ाई
रेना जमील मूल रूप से झारखंड (Jharkhand News) के धनबाद की रहने वाली हैं. उनका पैतृक गांव धनबाद जिले में पड़ता है. उनके गांव का नाम है छाताबाद. रेना जमील का बचपन गरीबी में बीता. उनके पिता पेशे से मैकेनिक हैं और मां गृहिणी. चार भाई-बहनों में रेना दूसरे नंबर पर हैं. जमीला की शुरुआती पढ़ाई उसी स्कूल से हुई, जिससे उनकी मां ने 8वीं तक की पढ़ाई की थी. रेना ने आठवीं तक उर्दू मीडियम में पढ़ाई की है.
IAS Success Story: कॉलेज के दिनों में पढ़ाई में जगी रूचि
रेना (IAS Renal Jamil) ने अपने इंटरव्यू में बताया है कि वे एक औसत छात्रा हुआ करती थीं. लेकिन धीरे-धीरे पढ़ाई में उनकी रूचि बढ़ने लगी और उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद मास्टर्स में कॉलेज में टॉप किया था. रेना ने जूलॉजी ऑनर्स से मास्टर्स किया है. इसके बाद वह फॉरेस्ट सर्विस में करियर बनाना चाहती थीं. इसकी तैयारी भी शुरू कर दी थी.
IAS Success Story: भाई और मां ने किया प्रोत्साहित
रेना इधर फॉरेस्ट सर्विस की तैयारी करने लगीं. उधर, उनके बड़े भाई ने उन्हें यूपीएससी सीएसई परीक्षा में बैठने का सुझाव दिया. इसके बाद रेना ने मन में आईएएस बनने का ठान लिया. वे दिन रात सिविल सेवा परीक्षा के लिए तैयारी करने लगीं. वहीं अपनी सफलता का श्रेय वे अपनी मां को भी देती दिखी हैं.
अपने कई इंटरव्यू में बताया है कि उनकी मां ने खास भूमिका निभाई. उनकी मां चाहती थीं कि रेना शादी से पहले अपने पैरों पर खड़ी हो जाएं. बता दें, सिविल सेवा या सरकारी नौकरी में आने वाली रेना इस घर की इकलौती नहीं हैं. उनके पूरे परिवार ने शिक्षा को हथियार बना अपने सामाजिक और आर्थिक स्तर को पूरी तरह बदल दिया. रेना के बड़े भाई आईआरएस अधिकारी हैं. जबकि छोटा भाई प्रसार भारती में इंजीनियर और छोटी बहन ने बीएड कर रखा है.
IAS Success Story: दो बार हुआ सेलेक्शन
रेना ने साल 2014 में यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी शुरू करने के साथ परीक्षा दिया. पहले प्रयास में सेलेक्शन नहीं हुआ. लेकिन साल 2016 में वे अपने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल करने में कामयाब रहीं. वे 2019 बैच की IAS अधिकारी हैं. उन्होंने यूपीएससी सीएसई (UPSC CSE) में 882वीं रैंक हासिल की थी और उनका चयन इंडियन इन्फॉर्मेशन सर्विस में हुआ था. लेकिन जमील को IAS का पद चाहिए था. ऐसे में उन्होंने नौकरी तो ज्वॉइन कर ली लेकिन तैयारी में लगी रहीं.
IAS Success Story: 2018 में क्रैक की परीक्षा
उन्होंने साल 2017 में तीसरी बार यूपीएससी एग्जाम दिया. लेकिन प्रीलिम्स में ही बाहर हो गईं. उन्होंने अपनी इस असफलता से सीख लेते हुए अपनी कमियों को पहचाना और उस पर काम किया. साल 2018 में उन्हों कुछ दिन की छुट्टी लेकर तैयारी की और वह यूपीएससी पास करके आईएएस बनने में कामयाब रहीं. इस बार उनकी 380 रैंक थी. रेना की पहली पोस्टिंग छत्तीसगढ़ के बस्तर में बतौर असिस्टेंट कलेक्टर हुई.
IAS Success Story: लाखों लड़कियों के लिए बनीं प्रेरणा
रेना जमील उन लोगों के लिए प्रेरणा हैं, जो सीमित संसाधनों के कारण उम्मीद खो बैठते हैं. उनका संघर्ष दिखाता है कि संकल्प और मेहनत के आगे कोई कमी बाधा नहीं बन सकती. रेना ने अनपे इंटरव्यू में हमेशा कहा कि खुद पर विश्वास रखें और नियमित पढ़ते रहें. शुरुआत में थोड़ी मुश्किलें आएंगी पर धीरे-धीरे आप अपना रास्ता बनाना सीख जाएंगे.
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