
पिता तलते थे पकौड़ी, अब बेटियां बनेंगी डॉक्टर और आईएएस, दो बहनों का कमाल
Success Story: आज हम राजस्थान के एक ऐसे परिवार की कहानी जानेंगे, जिन्होंने साथ मिलकर संघर्ष किया और अपने सामाजिक और आर्थिक जीवन को बदला. पिता का काम होता है मेहनत करना और बच्चों के लिए हर खुशियां लाना. लेकिन आज कहानी उन बच्चों की, जिन्होंने पिता के संघर्ष को करीब से देखा और उनके त्याग और बलिदान का फल दिया.
Success Story: पिता बेचते हैं ठेले पर पकौड़ी
राजस्थान (Rajasthan News) का ये परिवार भरतपुर के अटल बंध क्षेत्र में रहता है. 7 सदस्यों के परिवार को पिता ने कड़ी मेहनत से चलाया. वे ठेले पर पकौड़ी बेचा करते थे. लेकिन उन्होंने अपने 5 बच्चों की पढ़ाई में कमी नहीं रहने दी. बड़ी बेटी दीपेश कुमारी ने वर्ष 2021 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में सफलता (UPSC CSE Success Story) हासिल की. उनकी ये सफलता पूरे परिवार की सफलता थी. दीपेश कुमारी ने UPSC में ऑल इंडिया 93वीं रैंक हासिल कर IAS अफसर का पद हासिल किया.
Success Story: परिवार की सफलता बनी मिसाल
इसके बाद भी परिवार के मुखिया यानी कि पिता ने पकौड़ी बेचना बंद नहीं किया. वे पूरी निष्ठा और मेहनत के साथ अपना काम करते थे. वहीं घर के बच्चों ने भी बड़ी बहन को मिसाल बनाकर उच्च शिक्षा हासिल करने का संकल्प लिया. दीपेश के बाद उनकी बहन डॉक्टर बनी और अन्य 2 भाई-बहन भी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं.
Success Story: बड़ी बेटी बनी आईएएस
दीपेश पांच भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं. उन्होंने कक्षा 10वीं में 98% और 12वीं में 89% प्रतिशत अंक हासिल किया था. वे हमेशा से पढ़ने में अच्छी थीं. 12वीं के बाद उन्होंने MBM इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर से सिविल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की. इसके बाद आईआईटी मुंबई (IIT Mumbai) से एमटेक की डिग्री हासिल की. इसके बाद दीपेश ने कुछ दिनों तक निजी कंपनी में काम भी किया था. लेकिन उनका मन सिविल सेवा में जाने का था. ऐसे में उन्होंने यूपीएससी सीएसई परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.
UPSC Success Story: आसान नहीं था यूपीएससी का सफर
दीपेश ने नौकरी के दौरान बचाए हुए पैसों से दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी शुरू की. घर की स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं थी और घर में पढ़ने वाले लोग भी ज्यादा थे. ऐसे में उन्होंने घर से पैसों की मदद नहीं ली. दीपेश ने अपना पहला प्रयास 2020 में दिया था. इसके बाद उन्होंने दूसरा प्रयास 2021 में दिया, जिसमें ऑल इंडिया रैंक 93 के साथ आईएएस पद हासिल किया.
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