
जब टैलेंट बोला…AI की दुनिया में IIT ग्रेजुएट का कमाल, META ने बरसाए पैसे, पैकेज 800 करोड़ से अधिक
Success Story in Hindi: क्या आप सोच सकते हैं कि भारत के एक साधारण छात्र को 854 करोड़ रुपये का जॉब ऑफर मिल सकता है? यह कोई सपना नहीं हकीकत है. उत्तर प्रदेश से आने वाले और IIT कानपुर से पढ़ाई करने वाले त्रापित बंसल (Trapit Bansal) को Meta (Facebook की पैरेंट कंपनी) ने सुपरइंटेलिजेंस टीम के लिए इतना बड़ा पैकेज ऑफर किया है. आइए जानते हैं इस सफलता की पूरी कहानी.
Success Story: शिक्षा की शुरुआत: छोटे शहर से दुनिया तक
रिपोर्ट्स के मुताबिक, त्रापित बंसल का जन्म और शुरुआती पढ़ाई उत्तर प्रदेश में हुई. उन्होंने IIT कानपुर से मैथमेटिक्स और स्टैटिस्टिक्स में B.Sc किया. इसके बाद उन्होंने अमेरिका के University of Massachusetts Amherst से Computer Science में मास्टर्स और PhD पूरी की. यहीं से उनका करियर टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ओर मुड़ा.
Meta में नई शुरुआत: 854 करोड़ का ऑफर
हाल ही में त्रापित ने OpenAI को छोड़कर Meta की सुपरइंटेलिजेंस टीम में शामिल होने का फैसला लिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वे Meta से जुड़ने को लेकर बेहद उत्साहित हैं.रिपोर्ट्स के अनुसार, Meta ने उन्हें करीब 100 मिलियन डाॅलर यानी 854 करोड़ का पैकेज दिया है, जिसमें इक्विटी, सुविधाएं और लीडरशिप बोनस शामिल हैं.
Success Story: कौन हैं त्रापित बंसल?
त्रापित एक AI रिसर्चर हैं जो NLP (नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग), डीप लर्निंग और मेटा लर्निंग जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञ हैं. उन्होंने OpenAI, Facebook, Google, Microsoft, और IISc Bangalore में इंटर्नशिप की है. OpenAI में उन्होंने को-फाउंडर Ilya Sutskever के साथ मिलकर ‘o1’ नामक पहला रीजनिंग मॉडल बनाया, जो आगे चलकर ChatGPT जैसे मॉडल्स की नींव बना.
2012 से करियर की उड़ान
त्रापित ने 2012 में Accenture से एनालिस्ट के रूप में करियर की शुरुआत की. फिर IISc में रिसर्च असिस्टेंट रहे और 2022 में OpenAI से जुड़े. अब वे Meta के Superintelligence Lab का हिस्सा हैं जो AI की दुनिया में क्रांति लाने के लिए जाना जाता है.
छात्रों के लिए प्रेरणा
त्रापित की कहानी यह साबित करती है कि अगर मेहनत और सही दिशा हो, तो कोई भी बड़ी सफलता पाई जा सकती है. यूपी जैसे छोटे राज्य से निकलकर दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में काम करना और 854 करोड़ का ऑफर पाना दिखाता है कि “आसमान भी कोई सीमा नहीं है.”
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