
डी फार्मेसी छात्रों के लिए नई राह, जानें एडमिशन से लेकर कमाई तक
Best Career Option: डी फार्मेसी छात्रों के लिए एक नई शुरुआत होती है. छात्र 12वीं की पढ़ाई पूरी कर डिप्लोमा इन फार्मा के लिए अप्लाई कर सकते हैं. छात्र हेल्थकेयर सेक्टर में भविष्य बनाने के लिए डी फार्मेसी की पढ़ाई करते हैं. डी फार्मेसी से छात्र अस्पतालों, नर्सिंग होम्स, क्लीनिक और फार्मा कंपनियों में नौकरी कर सकते हैं. दवाइयों की मैन्युफैक्चरिंग, क्वालिटी कंट्रोल, सेल्स और मार्केटिंग में भी मौके मिलते हैं. इस कोर्स में दवाओं के निर्माण, संरचना, स्टोरेज और सही इस्तेमाल की जानकारी दी जाती है ताकि आप मरीजों की मदद कर सकें. डी फार्मेसी का कोर्स 2 वर्ष की अवधि का होता हैं.
Best Career Option: डी फार्मेसी की एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
डी फार्मेसी करने के लिए छात्रों को 12वीं पास होना चाहिए. 12वीं में 50 % अंक से पास छात्र ही D Pharma की पढ़ाई कर सकते हैं. डी फार्मेसी की पढ़ाई के लिए 10+2 में फिजिक्स (भौतिकी), केमिस्ट्री (रसायन) और बायोलॉजी (जीवविज्ञान) या मैथेमेटिक्स (गणित) विषय होना आवश्यक है. इसके लिए अलग-अलग प्रवेश परीक्षाओं में अलग-अलग पासिंग मार्क्स की मांग की जाती है. डी फार्मा में प्रवेश करने के लिए छात्रों की न्यूनतम आयु 17 वर्ष होनी चाहिए.
डी फार्मा कोर्स की पूरी जानकारी
मेडिसिन बनाने की प्रक्रिया की शिक्षा को डी फार्मेसी कहा जाता है. यह कोर्स दवाओं के निर्माण, स्टोरेज, डिस्पेंसिंग और क्वालिटी कंट्रोल की जानकारी देता हैं. मेडिकल स्टोर चलाने या फार्मासिस्ट के रूप में काम करने की योग्यता देता हैं. साथ ही, फार्मेसी के क्षेत्र में एक मजबूत नींव प्रदान करता है. वहीं छात्रों को दवाओं के बारे में विस्तृत ज्ञान प्रदान करता है.
सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार के कई अवसर प्रदान करता है. डी प्रमुख नौकरी प्रोफाइल में फार्मासिस्ट, ड्रग इंस्पेक्टर, मेडिकल राइटर, रिसर्च ऑफिसर, और विभिन्न अस्पतालों, क्लीनिकों और दवा कंपनियों में काम करना शामिल है.
डी फार्मा में एडमिशन कैसे?
कुछ संस्थानों में 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर सीधे एडमिशन मिलता है, जबकि कुछ में प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है. इस कोर्स के माध्यम से, छात्र अपने मेडिकल साइंस क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं. यह कोर्स छात्रों को विभिन्न रोगों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं के बारे में विस्तृत ज्ञान प्रदान करता है और दवाओं के के निर्माण, संरचना, स्टोरेज और सही इस्तेमाल के बारे में शिक्षा देता है. बेसिक डी फार्मेसी कोर्स छात्रों को दवाओं की बुनियादी जानकारी देता है.
इस कोर्स के माध्यम से छात्रों को रोगों के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं के उपयोग, मात्रा, उपयोग के तरीके, सावधानियां आदि के बारे में जानकारी भी मिलती है. एडवांस डी फार्मेसी कोर्स उन छात्रों के लिए होता है जो डी फार्मेसी में विशेषज्ञता प्राप्त करना चाहते हैं. डी फार्मेसी कोर्स छात्रों को एक पेशेवर विकास का मौका प्रदान करता है.
डी फार्म कोर्स के माध्यम से, छात्र मेडिकल साइंस क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं और उन्हें अच्छे रोजगार के अवसर मिलते हैं. इस कोर्स को करने के बाद उन्हें फार्मासिस्ट, प्रोडक्टर असिस्टेंट, सेल्समैन, पैथोलॉजी स्कूल में शिक्षक, आदि के पदों पर करियर बनाने का मौका मिलता है.
डी फार्मेसी कोर्स के फायदे
डी फार्मेसी कोर्स करने के बाद, छात्रों को अपने चिकित्सा विज्ञान के कोर्स की अवधि कम करने का भी लाभ मिलता है. डी फार्मेसी कोर्स में छात्रों को दवाओं की संरचना, उत्पादन, परीक्षण, रोगों के उपचार के लिए दवाओं की जानकारी दी जाती है. इससे उन्हें चिकित्सा के अन्य विषयों पर केंद्रित होने की आवश्यकता कम होती है. इससे उन्हें बहुत सारे समय की बचत होती है और वे अपने करियर को तेजी से आगे बढ़ा सकते हैं.
डी फार्मा के लिए एग्जाम
कुछ प्रमाणित फार्मेसी कॉलेजों में एंट्रेंस परीक्षा भी होती है. यह परीक्षा छात्रों के लिए चयन प्रक्रिया का हिस्सा होती है और इसमें पास होना जरूरी होता है. आवेदकों की प्रदर्शन के आधार पर, फार्मेसी कॉलेजों में मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है. इस कोर्स में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी होती है.
इसमें छात्रों को दवाओं के प्रबंधन, फार्मेसी संचालन और रोगियों से बातचीत में वास्तविक अनुभव प्राप्त होता है. कुछ संस्थान या राज्य डी फार्मेसी में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं, जबकि अन्य 10+2 परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश देते हैं. बता दें कि डी फार्मा कोर्स में एडमिशन के लिए निम्नलिखित प्रवेश परीक्षाएं होती हैं-
- MHT-CET (महाराष्ट्र)
- GPAT (ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट, हालांकि यह ज़्यादातर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए होता है)
- संस्थान-विशिष्ट परीक्षाएं.
कुछ कॉलेज काउंसलिंग सत्र आयोजित करते हैं जहां छात्रों को मेरिट के आधार पर सीटें आवंटित की जाती हैं. कुछ संस्थानों में व्यक्तिगत साक्षात्कार (इंटरव्यू) की प्रक्रिया की जाती हैं.
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन
उम्मीदवारों को प्रवेश के समय अपने मूल (original) डॉक्यूमेंट्स प्रस्तुत करने होते हैं. इनमें सामान्यतः नीचे बताए डॉक्यूमेंट्स शामिल हैं:
- 10वीं और 12वीं की मार्कशीट्स
- स्कूल छोड़ने का ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC)
- चरित्र प्रमाणपत्र
- जाति प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
- निवास प्रमाणपत्र (यदि संस्थान द्वारा आवश्यक हो)
- भारत के शीर्ष 10 डी फार्मा कॉलेजों की सूची
D Pharma Top 10 College: भारत के शीर्ष 10 डी फार्मा कॉलेज
SN | कॉलेज का नाम |
---|---|
* | मंगलेयतन विश्वविद्यालय |
* | अलीगढ़ कॉलेज ऑफ फार्मेसी |
* | जहांगीराबाद इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी |
* | अलीगढ़ स्कूल ऑफ फार्मेसी |
* | रमेश्वर दयाल कॉलेज ऑफ फार्मेसी |
* | आईआईएमटी कॉलेज ऑफ फार्मेसी, अलीगढ़ |
* | सर सैयद कॉलेज ऑफ फार्मेसी |
* | शिवदान सिंह प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान |
* | अल-बरकात प्रबंधन अध्ययन संस्थान |
* | आरबीएस कॉलेज, अलीगढ़ |
D Pharm कोर्स के बाद करियर के अवसर
फार्मासिस्ट : अस्पतालों, रिटेल फार्मेसियों और क्लीनिकों में फार्मासिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं.
मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव : दवा कंपनियों में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में नियुक्ति हो सकती है.
फार्मेसी तकनीशियन : फार्मासिस्ट की सहायता करते हुए दवाओं के वितरण और रोगी देखभाल में मदद कर सकते हैं.
उद्यमी : खुद की रिटेल या होलसेल फार्मेसी खोलकर व्यवसाय शुरू कर सकते हैं.
दवा निर्माण इकाइयों : दवा बनाने वाली फैक्ट्रियों या यूनिटों में काम करने के अवसर मिल सकते हैं.
अनुभव के साथ पदोन्नति : अनुभव मिलने पर अस्पतालों की फार्मेसी या दवा कंपनियों में सुपरवाइजर या उच्च पदों तक पहुंच सकते हैं.
रिटेल फार्मासिस्ट: मेडिकल स्टोर या अस्पताल की फार्मेसी में दवाओं का वितरण.रोगियों को दवाओं के उपयोग और साइड इफेक्ट्स के बारे में सलाह देना.
D Pharma कोर्स के बाद कमाई
डी फार्म कोर्स पूरा करने के बाद वेतन श्रेणी विभिन्न स्तरों पर होती है. शुरुआती स्तर पर वेतन लगभग 15,000 रुपये से 25,000 रुपये प्रति माह तक होता है. जबकि मध्य स्तर पर वेतन करीब 30,000 रुपये या उससे अधिक से शुरू होता है. यह कोर्स व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के भरपूर अवसर प्रदान करता है. डी फार्मा की पढ़ाई के बाद छात्र बी फार्मा की पढ़ाई भी कर सकते हैं. बी फार्म का कोर्स 4 वर्ष का होता हैं.
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